शोले – 49 साल, बेमिसाल

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फ़िल्म इतिहास की सबसे धांसू और सदी की सबसे बेहतरीन फ़िल्म शोले 15 अगस्त को अपनी 49 वीं वर्षगांठ मना रही है ।

आज के Entertainment Blog में हम चर्चा करेंगें फ़िल्म इंडस्ट्री की सबसे बेहतरीन और यादगार फिल्मों में से एक फ़िल्म शोले की, जिसने अपने ज़बरदस्त परफॉर्मेंस से सबके तोते उड़ा दिये और जिसकी छाप आज तक हमारे दिलों में छपी है । फिल्म इतिहास में कुछ ऐसी फिल्में है जो आपके दिलों दिमाग पर एक जबरदस्त असर छोड़ जाती है उन्हीं में से एक फिल्म है – शोले, जो 15 अगस्त को अपनी 49वीं वर्षगांठ मना रही है ।

सलीम जावेद के ताने बाने से बनी हुई फिल्म शोले जिसका निर्देशन रमेश सिप्पी ने किया था और जिसमें भर भर के एक्शन, रोमांस, कॉमेडी, और ड्रामा था और संगीत का तो क्या कहना ऐसा बेहतरीन संगीत जिसने लोगों के दिलों दिमाग पर लंबे समय तक असर छोड़ा था आज भी दुनिया में शायद ही कोई हो जिसे शोले फिल्म के गाने याद ना हो या शोले फिल्म के डायलॉग याद ना हो । अरे ओ सांबा जरा उठा तो बंदूक और लगा तो निशाना, कितने आदमी थे, और बसंती इन कुत्तों के आगे मत नाचना जैसे डायलॉग लोगों के दिलों दिमाग में आज तक कौंध रहे हैं । यह वह दौर था जिस समय अलग-अलग निर्माता अलग-अलग फिल्मों को लेकर एक्सपेरिमेंट करने में लगे थे ।

15 अगस्त 1975 को रिलीज़ हुईं थीं दो सुपरहिट फिल्में

15 अगस्त 1975 को दो सुपरहिट फिल्मों ने लगभग सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे जिसमें से पहली फिल्म थी शोले और दूसरी फिल्म थी जय संतोषी मां । सूत्रों की माने तो शोले शुरू में कुछ दिन तो ठंडी रही मगर उसके बाद शोले ने जो रफ्तार पकड़ी उसका मुकाबला शायद ही आज तक कोई फिल्म कर पाई हो चाहे वह कहानी की बात हो या किरदारों की, ऐसा दमदार परफॉर्मेंस फिल्म इंडस्ट्री में शायद ही कभी देखा गया हो । शोले मल्टी स्टारर फिल्म थी जिसमें उसे वक्त के दिग्गज सितारे अमिताभ बच्चन, संजीव कुमार, धर्मेंद्र, हेमा मालिनी, और अमजद खान उर्फ गब्बर सिंह नजर आए ।

शोले – 49 साल, बेमिसाल

शोले के कुछ अनकहे राज़

हम आपसे शोले से जुड़ा एक गहरा राज भी साझा करना चाहेंगे और यह राज स्वयं रमेश सिप्पी ने कौन बनेगा करोड़पति के सेट पर सबके साथ साझा किया । उन्होंने जब अमित जी से कहा कि शोले की शूटिंग हमें बेंगलुरु में करनी है तो अमित जी इस बात को सुनकर चौंक गए क्योंकि उनके जहन में यह शूटिंग रामगढ़ जैसी जगह पर होनी थी मगर जब उन्होंने बेंगलुरु का नाम सुना तो उन्होंने सोचा कि बेंगलुरु जैसे हरे भरे जगह को रामगढ़ के पथरीले जगह जैसे कैसा दिखा पाएंगे । मगर साहब फिल्मों के जादूगर रमेश सिप्पी ने इस कारनामे को बेंगलुरु के रामनगरम नामक गांव में पूरा किया उन्होंने वहां न सिर्फ वैसा ही सेट बनवा दिया बल्कि सड़क तक का भी निर्माण रमेश सिप्पी साहब ने खुद ही करवाया ।

इस डेडीकेशन से ही पता लगता है की रमेश सिप्पी साहब को फिल्म बनाने का कितना जबरदस्त जज्बा था और हो भी क्यों ना तभी शायद शोले फिल्म इतिहास की सबसे यादगार फिल्म बन गई । अब जब रमेश सिप्पी साहब ने शोले से जुड़े कुछ खुलासे कर ही दिए थे तो ऐसे में अमित जी कहां पीछे रहते भला, अमित जी ने बताया की कैसे रमेश सिप्पी सलीम जावेद उनके घर पहुंचे और उन्होंने बताया की फिल्म को कोई खास रिस्पांस नहीं आ रहा इतना ही नहीं यहां तक प्लान हो चुका था कि शायद अमिताभ बच्चन को फ़िल्म में दोबारा जीवित कर दिया जाए मगर रमेश सिप्पी साहब ने कहा कि अभी फिल्म को कुछ समय ही हुआ है जरा लोगों का रिस्पांस देख लें उसके बाद इस बारे में सोचेंगे, मगर साहब अगले कुछ ही दिनों में इस फिल्म ने अपनी असली रफ्तार दिखानी शुरू की और फिल्म इतिहास के आसमान की बुलंदियों पर पहुंच गई जहां इसने अपना नाम सबसे ऊँची सूची में दर्ज कर लिया ।

आसान नहीँ था शोले जैसी ब्लॉकबस्टर बनाना

ढाई साल की लंबी अवधि में बनी इस फिल्म को बजट और टेक्निकल से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ा था लेकिन पूरी टीम में अपने काम के प्रति जो समर्पण दिखाया था उसका नतीजा पूरी दुनिया के सामने था । शोले, एक ऐसी फिल्मों की कतार में शुमार हो गई जिसको हर वर्ग के लोग देखना पसंद करते हैं और आज भी शोले ऐसी फिल्म बनी हुई है जिसे अगर आज भी किसी को दिखाया जाए तो वह वाकई इस फिल्म का कायल हो जाएगा ।

फिल्म इतिहास में शोले के रिकॉर्ड तक पहुंचना शायद ही किसी फिल्म के नसीब में रहा होगा और सबसे मजे की बात तो यह है कि इस ब्लॉकबस्टर फिल्म शोले को बनाने का आईडिया इस फिल्म के मेकर्स  और टीम को एक फिल्म की सक्सेस पार्टी में आया था बस फिर क्या था उसे वक्त के दिग्गज सितारे जैसे कि अमिताभ बच्चन धर्मेंद्र संजीव कुमार अमजद खान हेमा मालिनी जैसे सारे कलाकारों को एकजुट किया गया और इस शानदार फिल्म का निर्माण हुआ जिसे लोग सदियों तक याद करेंगे ।

शोले – 49 साल, बेमिसाल

मैं अगर अपनी बात करूं तो यह फ़िल्म मेरे जीवन की सबसे यादगार फिल्मों में से एक थी, जिसने मेरे दिलों दिमाग पर फिल्म के हर किरदार की ऐसी छाप छोड़ी जो आज तक कायम है और बाकायदा एक एक सीन और एक एक डायलॉग आज भी कंठस्थ याद है, मेरे छोढ़िए जनाब दुनिया में शायद ही कोई इंसान ऐसा होगा जिसे शोले याद न हो । आप अपनी राय ज़रूर दीजिएगा वरना मुझे भी आप लोगों से कहना पड़ेगा – इतना सन्नाटा क्यों है भाई

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Top Trending Entertainment Blog में फ़ाउन्डर और डिजिटल कंटेंट हेड के तौर पर काम कर रहे अजय सिंह को मीडिया में कई सालों का अनुभव है । एंटरटेनमेंट में रिपोर्टिंग, लेखन, फिल्म रिव्यू, इंटरव्यू और विश्लेषण इनकी विशेषज्ञता है । अजय सिंह कई नेशनल, रीज़नल न्यूज़ चैनल, और प्रिंट मीडिया व कई वेब मीडिया पोर्टल्स को अपनी सेवाएँ दे चुके हैं । अजय सिंह ने 'वॉइस ऑफ नेशन', 'न्यूज़ एक्स्प्रेस', 'ए टू ज़ेड न्यूज़' और 'समाचार प्लस' जैसे कई न्यूज़ चैनलों में अलग-अलग फील्ड में सेवाएं दी हैं और अभी भी फ्रीलान्स के तौर पर कुछ वेब मीडिया पोर्टल्स को अपनी सेवाएँ दे रहें हैं ।

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