तिकड़म – उत्तराखंड का दर्द

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उत्तराखंड के पलायन की पीड़ा को बखूबी बयां किया है तिकड़म ने

आज के Entertainment Blog में हम बात करेंगे उत्तराखंड की सबसे बड़ी पीड़ा पलायन की, न जाने कितने गांव के गांव खाली हो गए इस पलायन के चलते । क्या करें पापी पेट का सवाल है उत्तराखंड के खूबसूरत गांव वैसे तो बेहद खूबसूरत और नैसर्गिक सौन्दर्य से लबरेज़ हैं मगर मूलभूत सुविधाओं की बात करें तो उनसे वंचित, तो ऐसे में हर परिवार को यह महसूस होता है कि अगर उसे अपने परिवार को खुशियां देनी है तो मजबूरन उसे शहर का रुख करना पड़ेगा फिर चाहे वह अपने परिवार को लेकर निकले या अपने परिवार को पीछे अकेला छोड़कर ।

इसी थीम पर अमित स्याल को लेकर जिओ सिनेमा ने तिकड़म नाम की बेहद खूबसूरत फिल्म बनाई है एक लंबे अरसे से ऐसी किसी फिल्म का इंतजार था और तिकड़म देखकर लगता है वह इंतजार खत्म हो गया । बात करें इस फिल्म के लीड कैरेक्टर अमित स्याल की, अमित न सिर्फ बेहद अच्छे इंसान बल्कि एक मजे हुए कलाकार भी हैं । उम्मीद करता हूँ आपने भी अमित स्याल की कई वेब सीरीज देखी होगी जिसमें कहीं वह आपको पुलिस ऑफिसर का किरदार निभाते नज़र आयेंगें तो कहीं ज़बरदस्त नेता का किरदार निभाने नजर आएंगे । किरदार चाहे जो भी हो अमित स्याल पूरी तरह उसमें समा जाते हैं और उस किरदार को हमेशा के लिए एक मिसाल बना देते हैं, उनका ऐसा ही कुछ जबरदस्त किरदार देखने को मिला तिकड़म में ।

इसके अलावा उनकी माता के किरदार में आपको नयन भट्ट की जबरदस्त अदाकारी देखने को मिलेगी और साथ ही साथ उनके पिता के रूप में अजीत सर्वोत्तम केलकर की बेहतरीन अदाकारी भी देखने को मिलेगी और बात करें उनके बच्चों की तो उनके बेटे का किरदार अरिष्ट जैन ने और बेटी का किरदार आरोही साउद ने निभाया है और क्या बेहतरीन किरदार निभाया इन दोनों बच्चों ने जिनके ऊपर यह पूरी फिल्म आधारित है ।

तिकड़म - उत्तराखंड का दर्द

तिकड़म की थीम

अगर बात करें तिकड़म की थीम की तो इसमें उत्तराखंड के पलायन की पीड़ा को पूरी तरह दर्शाया गया है यह एक ऐसा सब्जेक्ट है जो शायद आज तक ज्यादातर लोगों से अछूता रहा है सिर्फ उत्तराखंड के पहाड़ के लोगों को छोड़कर । असल में देखें तो पलायन की पीड़ा सिर्फ उत्तराखंड का दर्द ही नहीं है पूरे हिंदुस्तान में जहां-जहां पहाड़ है और जहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव है, हर उस जगह के लोग अपने परिवार को एक अच्छा मुकाम दिलाने के लिए घर से निकलते हैं और मजबूरी में मेट्रो शहर में कोई भी काम धंधा करते हैं ताकि अपने घर दो पैसे की मदद भेज सकें ।

तिकड़म फिल्म एक ऐसी ही कहानी है जिसमें दिखाया है की अमित स्याल जिस होटल में काम करते थे, वह होटल बंद हो जाता है क्योंकि जिस तरह की ग्लोबल वार्मिंग का असर पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है तो भला उससे पहाड़ अछूता कैसे रह सकता है इसी वजह से पहाड़ों में भी बर्फबारी ज्यादातर जगहों पर कम हो गई है या बंद हो गई है जिसके चलते टूरिज्म लगभग बंद होता जा रहा है ऐसे में जब अमित स्याल का भी होटल बंद हो जाता है तो मजबूरी में अमित स्याल को अपने होटल की मुंबई ब्रांच शिफ्ट होना पड़ता है ।

उनके बच्चे जो कि बिन मां के अपने दादा-दादी के साथ रह रहे थे वह किसी हालत में नहीं चाहते थे कि उनके पिता उन्हें छोड़कर शहर चल जाए बल्कि उन्हीं के बच्चे ही नहीं, पूरे गांव के बच्चे यह चाहते थे कि उनके पिता शहर से वापस आ जाएँ और उनके साथ ही रहें । इसी जद्दोजहद जहां की कहानी है तिकड़म, उत्तराखंड के बेहद खूबसूरत लोकेशन मुक्तेश्वर और सूखताल(सूखाताल) में इसकी शूटिंग की गई है जहां का नैसर्गिक सौंदर्य देखते ही बनता है । 

तिकड़म की स्टोरी

इस फिल्म से अमित स्याल एक बार फिर अपनी बेहतरीन अदाकारी का लोहा मनवा चुके हैं । जैसा कि हम ऊपर तिकड़म के थीम सेगमेंट में आपको बता चुके हैं कि यह फिल्म पहाड़ से लोगों के पलायन पर आधारित है जहां बच्चे अपने माता-पिता के प्यार से वंचित रह जाते हैं और कोई ऐसा तिकड़म लगाना चाहते हैं जिससे उनके माता-पिता शहर ना जाकर वही उनके साथ गांव में रहें । ऐसा ही कुछ इस फिल्म में देखने को मिला जहां अमित स्याल के बच्चे चार तरह का अलग-अलग तिकड़म लगाकर अपने पिता को शहर जाने से रोकने का भर्षक प्रयास करते हैं और अंततः सफल भी हो जाते हैं ।

उन चार तरह के प्रयासों में शामिल था पेड़ की कटाई को रोकना, अपने गांव से में पॉलिथीन को बैन करना, पानी को संचित करना और अपने गांव में पटाखों को बैन करके पॉल्यूशन रोकना ताकि इससे क्लाइमेट कंट्रोल हो सके और हमेशा की तरह उनके गांव में स्नोफॉल हो सके जिससे उनके यहां टूरिस्ट का आवागमन बढ़े और वहीं उनके गांव में रोजगार के अवसर खुल सके ताकि उनके परिवार वालों को बाहर न जाना पड़े । उत्तराखंड की बेहद खूबसूरत वादियों में फिल्माई गई यह फिल्म वाकई आपका मन मोह लेगी और जिस तरह की फिल्म की स्टोरी है तो यकीनन इस फैमिली ड्रामा को देखकर आप भी रो पड़ेंगे । 

तिकड़म - उत्तराखंड का दर्द

जिओ सिनेमा की यह फिल्म तिकड़म मेरे हिसाब से Must Watch Category में आती है तो अगर आप भी साफ सुथरी फिल्म यानी पारिवारिक फिल्म देखना पसंद करते हैं तो यह फिल्म आपको जरूर देखनी चाहिए । फिल्म के लीड कैरेक्टर अमित स्याल के बारे में सिर्फ एक बात कह सकतें हैं – हैट्स ऑफ एक बार फिर हमेशा की तरह उन्होंने अपने बेहतरीन अदाकारी से यकीनन अपने फैंस और ऑडियंस का दिल जीतने में कामयाब हो गए हैं ।

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Top Trending Entertainment Blog में फ़ाउन्डर और डिजिटल कंटेंट हेड के तौर पर काम कर रहे अजय सिंह को मीडिया में कई सालों का अनुभव है । एंटरटेनमेंट में रिपोर्टिंग, लेखन, फिल्म रिव्यू, इंटरव्यू और विश्लेषण इनकी विशेषज्ञता है । अजय सिंह कई नेशनल, रीज़नल न्यूज़ चैनल, और प्रिंट मीडिया व कई वेब मीडिया पोर्टल्स को अपनी सेवाएँ दे चुके हैं । अजय सिंह ने 'वॉइस ऑफ नेशन', 'न्यूज़ एक्स्प्रेस', 'ए टू ज़ेड न्यूज़' और 'समाचार प्लस' जैसे कई न्यूज़ चैनलों में अलग-अलग फील्ड में सेवाएं दी हैं और अभी भी फ्रीलान्स के तौर पर कुछ वेब मीडिया पोर्टल्स को अपनी सेवाएँ दे रहें हैं ।

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