मिस इंडिया त्रिपुरा 2017 रिंकी चकमा का मात्र 28 साल की उम्र में निधन हो गया
रिंकी चकमा का आकस्मिक निधन: आज के आर्टीकल में हम 2017 में मिस इंडिया त्रिपुरा का खिताब जीतने वाली रिंकी चकमा की जीवन पर प्रकाश डालेंगें, जिनका 28 वर्ष की आयु में असामयिक निधन हो गया । इस आर्टीकल में हम रिंकी चकमा के अस्तित्व की जटिलताओं के बारे में भी बात करेंगें ।
रिंकी ने साहसपूर्वक breast cancer के एक प्रकार, घातक फाइलोड्स ट्यूमर का सामना किया, और हम इस बीमारी की बारीकियों को भी उजागर करने का प्रयास करेंगे । आज के आर्टीकल में हम रिंकी चकमा और उससे जुड़ी हर बारीकी पर नज़र डालेंगे । अगर आप इस खबर की तह तक जाना चाहतें हैं तो आर्टीक्ल को पूरा जरूर पड़ें और बेझिझक अपने विचार और प्रतिक्रिया हमसे साझा करें ।
रिंकी चकमा का आकस्मिक निधन © इंगलिश जागरण के सौजन्य से
मिस इंडिया त्रिपुरा रिंकी चकमा
मिस इंडिया त्रिपुरा 2017, रिंकी चकमा, पिछले दो वर्षों से कैंसर से बहादुरी से जूझ रही थीं, लेकिन आखिरकार बीमारी के कारण उनकी मृत्यु हो गई और मात्र 28 साल की उम्र में वो इस दुनिया को छोड़कर चली गई । उन्हें सबसे पहले एक घातक फाइलोड्स ट्यूमर (Breast Cancer) का पता चला था, जिसके लिए उन्होंने इलाज भी करवाया था । दुर्भाग्य से, कैंसर उसके फेफड़ों में फैल गया और बाद में उसके सिर तक बढ़ गया, जिसके परिणामस्वरूप मस्तिष्क ट्यूमर हो गया । उनकी साहसी जद्दोजहद के बावजूद, 29 फरवरी, 2024 को वह ज़िंदगी की जंग हार गईं ।
रिंकी चकमा ने 2017 में मिस इंडिया त्रिपुरा का ताज जीता और मिस इंडिया पेजेंट में फाइनलिस्ट भी रहीं । उनकी उपलब्धियों में दो उप-शीर्षक जीतना शामिल है: मिस कंजेनियलिटी और ब्यूटी विद ए पर्पस । उनकी विरासत को सदैव याद किया जाएगा और विपरीत परिस्थितियों में उनकी ताकत कई लोगों के लिए प्रेरणा बनेगी ।
रिंकी चकमा का आकस्मिक निधन © मिड डे के सौजन्य से
रिंकी चकमा का आकस्मिक निधन: फीलोड्स ट्यूमर किस प्रकार का कैंसर है, और यह कैसे होता है ?
यह एक बड़ी समस्या है, इसलिए इसे समझना महत्वपूर्ण है। फीलोड्स ट्यूमर एक प्रकार का स्तन कैंसर होता है जो कि स्तन के अंदर के ऊतकों से उत्पन्न होता है। यह तब उत्पन्न होता है जब स्तन के अंदर की संरचनात्मक ऊतकों में कुछ गड़बड़ी होती है।
फीलोड्स ट्यूमर के बारे में संक्षिप्त विवरण :
यह काफी दुर्लभ होता है, जबकि अधिकांश स्तन कैंसर किसी और प्रकार के होते हैं ।
पहले, इसे सिस्ट सार्कोमा फाइलोड्स के नाम से जाना जाता था, लेकिन 2003 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसका नाम बदल दिया था ।
इसका नाम “फाइलोड्स” ग्रीक शब्द “फुल्लॉन” से आया है, जिसका मतलब “पत्ती” होता है । यह उन पत्तों की तरह दिखाई देता है जो इस कैंसर के अद्वितीय रूपों की प्रतीक्षा कराते हैं ।
फीलोड्स ट्यूमर का निदान और उपचार कैसे किया जाता है?
निदान के लिए, अक्सर कोर-सुई बायोप्सी का उपयोग किया जाता है ।
उपचार में, व्यापक मार्जिन के साथ सर्जिकल रिसेक्शन एक विकल्प हो सकता है, क्योंकि फाइलोड्स ट्यूमर की फिर से उत्पत्ति का खतरा होता है ।
ये कैंसर मिला जुला हो सकता है, कुछ हल्का हो सकता है और कुछ घातक भी हो सकता है, जो उपचार के निर्णय पर असर डाल सकता है ।
फीलोड्स ट्यूमर का कारण क्या हो सकता है ?
इसके कारण अभी तक पूरी तरह से पता नहीं चले हैं ।
आनुवंशिक कारक और विभिन्न आणविक परिवर्तन इसमें भूमिका निभा सकते हैं ।
पुरुषों में भी इसका खतरा हो सकता है, विशेष रूप से जिन्हें गाइनेकोमेस्टिया का इतिहास है ।
फीलोड्स ट्यूमर एक दुर्लभ, पत्ती के आकार का स्तन कैंसर है। इसकी पुनरावृत्ति की संभावना और कुछ मामलों में उसकी घातकता के कारण, सतर्कता और समय पर उपचार की जरूरत होती है ।
रिंकी चकमा का आकस्मिक निधन © विजय कर्नाटक के सौजन्य से
रिंकी चकमा – एक झलक
मिस इंडिया त्रिपुरा 2017 की प्रतिष्ठित विजेता रिंकी चकमा एक उल्लेखनीय महिला थीं, आइए उनकी प्रेरक जीवनी के बारे में जानें:
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा:
रिंकी भारत के पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा की रहने वाली थीं ।
एक भारतीय सेना पिता के घर जन्मी, वह अपनी दो बहनों और एक भाई के साथ बड़ी हुईं ।
उनकी शैक्षिक यात्रा त्रिपुरा के एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय से शुरू हुई ।
बाद में, उन्होंने इग्नू अगरतला केंद्र से समाजशास्त्र ऑनर्स में डिग्री हासिल की ।
मिस इंडिया की जीत:
2017 में, रिंकी चकमा ने प्रतिष्ठित फेमिना मिस इंडिया त्रिपुरा का खिताब जीता ।
उनके प्रभावशाली प्रयासों और दयालु भावना ने उन्हें एक उद्देश्य के साथ मिस ब्यूटी का अतिरिक्त सम्मान दिलाया ।
फेमिना मिस इंडिया 2017 के भव्य मंच पर त्रिपुरा का प्रतिनिधित्व करते हुए उन्होंने पूरे देश के दिलों पर एक अमिट छाप छोड़ी ।
कैंसर से जंग:
रिंकी के जीवन में एक चुनौतीपूर्ण मोड़ तब आया जब 2022 में उसे घातक फाइलोड्स ट्यूमर (Breast Cancer) का पता चला ।
कीमोथेरेपी सत्र से गुजरने के बावजूद, कैंसर उसकी सर और फेफड़ों तक फैल गया ।
28 फरवरी, 2024 को दुर्भायपूर्ण रिंकी चकमा का निधन हो गया ।
उनकी जीवनी विपरीत परिस्थितियों में मानवीय भावना की ताकत के प्रमाण के रूप में काम करती है ।
त्रिपुरा सरकार और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
फेमिना मिस इंडिया त्रिपुरा 2017 रिंकी चकमा के निधन से त्रिपुरा सरकार और स्थानीय समुदाय दोनों पर गहरा प्रभाव पड़ा है । आइए जानें उनकी प्रतिक्रियाएं:
त्रिपुरा सरकार की प्रतिक्रिया
हालांकि प्रदान की गई जानकारी में त्रिपुरा सरकार के विशिष्ट आधिकारिक बयान नहीं दिए गए हैं, लेकिन संभावना है कि वे संवेदना व्यक्त करेंगे और फेमिना मिस इंडिया त्रिपुरा 2017 के शासनकाल के दौरान रिंकी चकमा की उपलब्धियों को मान्यता देंगे ।
उनके कार्यकाल के दौरान उनके प्रभाव और अनुग्रह को देखते हुए, सरकार उनकी स्मृति को श्रद्धांजलि या पुरस्कार के माध्यम से सम्मानित करने पर भी विचार कर सकती है ।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
रिंकी चकमा के असामयिक निधन से त्रिपुरा में स्थानीय समुदाय को गहरा दुख होने की संभावना है । वह न सिर्फ ब्यूटी क्वीन थीं बल्कि कई लोगों के लिए प्रेरणा भी थीं ।
लोग उसके साहस को श्रद्धांजलि देने के लिए मोमबत्ती की रोशनी में जुलूस, स्मारक सेवाएं या सोशल मीडिया अभियान आयोजित कर सकते हैं ।
ऐसा माना जा रहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म संभवतः मित्रों, परिवार और प्रशंसकों के हार्दिक संदेशों, यादों और दुःख की अभिव्यक्तियों से भरे रहेंगे ।
रिंकी चकमा की विरासत हमेशा – हमेशा गूंजती रहेगी और उन्हें जानने वालों पर उनका प्रभाव चिरस्थायी रहेगा ।
रिंकी चकमा का प्रभाव सौंदर्य प्रतियोगिताओं से बढ़कर है; उन्होंने अपनी उद्देश्यपूर्ण यात्रा और दयालु हृदय से लोगों के जीवन को प्रभावित किया ।
ईश्वर उनकी आत्मा को असीम शान्ति प्रदान करें व उनके परिवार को इस दुख को सहने की ताकत ।